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मोटापा कैसे कम करें lose weight करने के टिप्स

  Weight lose करने का आसान तरीका 

Weight lose करने का आसान टिप्स डिटेल्स  कवित्री प्रेमलता ब्लॉग एक कविता का ब्लॉग है जिसमे कविता, शायरी, poem, study guide से संबंधित पोस्ट मिलेंगे


सामान्यत: फेट बढ़ने से ही मोटापे का शिकार होता है। वैज्ञानिक तरीके से देखे तो हमारी बॉडी एक महीने में 0.5 तक वजन कम करती है।

हमारी बॉडी की वजन कम करने के लिए सबसे पहले अपने खाने पीने की चीजों में ध्यान दे ।

खासतौर से vegetable ही खाएं और इसमें ऑयल की मात्रा कम डाले क्योंकि तेल में वसा की मात्रा अत्यधिक होती है ।जो कि वजन बढ़ाने का कार्य करती है। इसे कम करें। इसके अलावा fiber को भी अपने खाने में एड करें। फल हरी सब्जियों को अपने भोजन में ग्रहण करें। अपने डिनर को जल्दी करें।

वाटर इंटेक भी वजन लॉस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दिन में 8- 12 ग्लास पानी जरूर पिएं। वेट कम करने के लिए stress free रहना भी जरूरी है। नींद भी अच्छे से ले आराम करना और समय समय पर अपने सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। अगर आप एक्सरसाइज कर रहे है तो बॉडी के अंदर जाने वाले कैलोरी को कम किया जाएं।

Carbohydrates:- जब भी वेट लॉस की बात होती है तो कई लोगों का कहना है कि कार्बोहाइड्रेट्स अपने आहार में नहीं लेना चाहिए। लेकिन यह हमारे आहार के लिए आवश्यक अंग है । यह हमारे शरीर को ऊर्जावान बनाएं रखता है।  इसे राइट अमाउंट में अपने भोजन में लेना चाहिए । शुगर कार्बोहाइड्रेट्स के जगह कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स का चयन करें। यह 

Mineral ,vitamines& nutrients का अच्छा स्रोत है। जैसे :- ज्वार, बाजरा, गेहूं, तलिया ऐसे आनज जो छिलके सहित खाया जाएं ।

Protien:-  यह भी राइट अमाउंट में अपने आहार में लेना चाहिए । जो हम डेली भोजन में ले जैसे दाल, अंडा,मांस मछली,चने , राजमा, छोले, दूध इत्यादि का सेवन करना चाहिए।

Fats :- Fats भी हमारी शरीर के लिए अति आवश्यक पोषण है। कुछ विटामिन्स के अवशोषण के लिए fats बहुत आवश्यक है। इसलिए कुछ मात्रा में फेट्स को भोजन में एड करना बहुत जरूरी है। Healthy fats को चूस करना जरूरी है हम सभी तरह के फैट्स नहीं खा सकते

Vitamins &minerals:- विटामिन्स और मिनरल्स हमें vegetables और fruites से मिलते है।

वेट लॉस करनी है तो हमें किन चीजों से दूर रहना है:-

शुगर, मिठाईयां, केक।

दुकान में मिलने वाली पैकेट बिस्किट, कुरकुरे , आलू चिप्स आदि से दूर रहे। एल्कोहल की सेवन से दूर रहे इससे वेट लॉस नहीं होती है।smoking को avoid करें।

Physical exercise अपने दैनिक जीवन में रेगुलर करें ।

मेडिटेशन , free mind रखे ।

Weight loss करने के घरेलू उपाय:-

एक चम्मच जीरा लेकर उसे एक गिलास पानी में मिक्स कर अच्छे से उबाल लेना है ताकि जीरा में से सभी रस निकल कर पानी में मिक्स हो जाए इसे अच्छे गाढ़ा होते तक उबालें। फिर इससे छनी से छानकर साफ जूस बना ले अब इसे सुबह खाली पेट में पिए ध्यान रहे कि इसे पीने के एक दो घंटा बाद ही कुछ  खाएं बीच बीच में गुनगुना पानी पीते रहे। फिर इसको शाम को भी खाली पेट में ले ।

धीरे धीरे आपका वेट लॉस होते जाएगा।

  • शहद और नींबू का दो चम्मच रस मिलाकर खाली पेट में पिए जिससे पेट और कमर की बड़ी हुई चर्बी को कम किया जा सकता है।
  • अंजवाइन की पत्ती, यह पेट की बड़ी हुई चर्बी को कम करता है इससे पाचन तंत्र सही रहता है।
  • कड़ी पत्ता - इसे चार से पांच पत्ते रोजाना खाने से वेट लॉस होने लगती है।और बड़ी हुई चर्बी से निजात मिल सकती है।
  • लहसुन :- इसे रोजाना सुबह पांच से छः कली को गुनगुने पानी में चबा के खाने से पेट की चर्बी में कमी होने लगती है । इसे खाली पेट में लें।
  • इसके अतिरिक्त बादाम सेब आदि का सेवन करें।



कविता - पंछी की हौसले के उड़ान

        कविता - पंछी की हौसले के उड़ान

कविता पंछी की हौसले की उड़ान जो सोच बदल  कवित्री प्रेमलता ब्लॉग एक कविता का ब्लॉग है जिसमे कविता, शायरी, poem, study guide से संबंधित पोस्ट मिलेंगे



हौसला बुलंद उड़ती पंछी अपनी राह चली।

मंजिल को पाने की ललक मची एक हलचली।

फड़फड़ाते रही तूफानों की लहर में,

मन की विश्वास न टूटी अंधेरी घटाओं  के डहर में।

उड़ते - उड़ते अपनी मार्ग बनाते गई।

अंधेरों को बहारों की उजालों में सहलाते गई।

दोनों पैर के पंजे मजबूती से डटे रहें।

पंख की उड़ान तूफानों को चीरते बड़े रहे।

पहाड़ों की चोटी देख अहम से मुस्कुराएं।

अपने विशाल काया देख इतराएं।

पंछी की उड़ान आकाश को चूमने लगी।

छोटी हुई तो क्या हुआ गगन में उड़ने लगी।

विशाल तेरा काया तू स्थिर रहा।

न चलने की मजा न उड़ने में तेरा काया सहा।

पहाड़ ये पक्षी से सुन सर्म से सिर झुकाएं

अपने अहम को छोड़ पंछी को राह बताएं।

पंछी ने नदी किनारे प्यास बुझाई ।

अपने पंखों की नीर जल से सहलाई।

पंछी का मंजिल किनारा था घर।

ढूंढने से मिल जाती है हर मुश्किल का हल।

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उड़ान


Biosynthesis of ovarian hormones

 Biosynthesis of ovarian hormones 

Biosynthesis of ovarian hormones डिटेल्स कवित्री प्रेमलता ब्लॉग एक कविता का ब्लॉग है जिसमे कविता, शायरी, poem, study guide से संबंधित पोस्ट मिलेंगे


- स्त्रियों में अंडाशयी दो की संख्या में उदरगुहा के निचले तरफ के हिस्से में गर्भाशय के दिनों तरफ उपस्थित होती है।इसका प्रमुख कार्य अंडाणुओं को बनाना होता है। पुटिका कोशिकाएं तथा corpus luteum व कुछ हार्मोन्स का भी स्त्राव करते है, जो एड्रीनल कॉर्टेक्स के समान होते है।

स्त्रियों का अंडाशय निम्नलिखित हार्मोन्स का स्त्रावण करते है -

1) Estrogen - यह हार्मोन अंडाशयी पुटिकाओं की गुहा को घेरने वाली कोशिकाओं  द्वारा स्त्रावित होते है।ये अंडाशयी गुहा में भरा होता है। और परिपक्व अंड के विसर्जन के साथ साथ देहगुहा में पहुंचता है। यह हार्मोन लड़कियों के द्वितीय लैंगिक लक्षण के विकास को प्रेरित करता है। इसके प्रभाव से लड़कियों में Uterus,Vagina,Clitoris, स्तनों का विकास , बगल तथा जघन जगह में बालों का उगना, body में वसा के जमाव के कारण चिकनाहट , विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण, रजोधर्म का प्रारंभ होना आदि क्रियाएं नियंत्रण की जाती है। अर्थात् इसके कारण लैंगिक परिपक्वता आती है ।

कमी :- इसकी कमी से लड़कियों में जनन क्षमता का विकास नहीं हो पाती और ये जनन के लिए अयोग्य हो जाती है। वयस्कों में इसकी कमी होने पर ऊपर में वर्णित लक्षण समाप्त हो जाते है। कम उम्र में ही Menopouse हो जाती है। अत: इसकी प्रजनन क्षमता समाप्त हो जाती है।

अधिकता:- इसकी अधिकता से कम उम्र में ही द्वितीयक लैंगिक लक्षण बन जाते है। और लड़कियां प्रजनन के योग्य हो जाती है।

इस हार्मोन का नियंत्रण पीयूष ग्रंथि के दो हार्मोन F.S.H. और L.H. करते हैं।

2) progesterone:- यह हार्मोन कार्पस ल्युटीयम

का निर्माण रजोधर्म प्रारंभ होने के 14 दिन बाद होता है।और इसके निर्माण का नियंत्रण पीयूष ग्रंथि के L.H. करता है। प्रोजेस्ट्रॉन गर्भाशय को निषेचित अंड को ग्रहण करने के लिए तैयार करता है।साथ ही यह गर्भधारण के बाद गर्भाशय तथा अंडे की दीवार में संबंध बने रहने के लिए प्रेरित करता है, गर्भधारण के बाद यह स्तनों के विकास को भी नियंत्रित करता है।


 निषेचन हो जाने की स्थिति में यह उपयुक्त कार्यों को कहता है और नयी अंडाशयी  पुटिकाओं के निर्माण को रोक देता है। इसके परिणामस्वरूप रजोधर्म बंद हो जाती है ।

लेकिन जब निषेचन नहीं हो पाता है तब कार्पस  ल्यूटियम नष्ट हो जाता है। और रजोधर्म पुनः पहले के 26 से 28 दिन के बाद प्रारंभ हो जाता है और स्तन व गर्भाशय अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाता है।

3) Relaxin:-

गर्भावस्था में अंडाशय, प्लेसेंटा तथा गर्भाशय की कोशिकाओं इसका स्त्रावण करती है ।

यह हार्मोन प्यूबिस सिंफिसिस को ढीला कर देता है, जिससे योनि मार्ग चौड़ा हो जाता है, प्रसव के समय यहां Cervix की पेशियों के संकुचन को प्रेरित करता है, जिससे यह चौड़ी हो जाती है और प्रसव में आसानी होती है। प्रोजेस्टेरोन और Relaxin की कमी से प्रसव तथा गर्भधारण में कठिनाई होती है और गर्भधारण के बाद स्तनों में दूध का निर्माण ठीक से नहीं हो पाता। प्रोजेस्टेरोन की अधिकता होने पर स्तनों का विकास ज्यादा हो जाता है और कभी- कभी उनमें दूध भी इन बनने लगता है।  Relaxin की अधिकता होने पर गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है।

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युवक निबंध

                      युवक निबंध

युवक निबंध आचार्य नरेन्द्र देव से लिया  कवित्री प्रेमलता ब्लॉग एक कविता का ब्लॉग है जिसमे कविता, शायरी, poem, study guide से संबंधित पोस्ट मिलेंगे


 युवक ही समाज के आधार स्तम्भ है- इस निंबंध में युवकों को समाज में आधारस्तम्भ माना गया है।

नवयुवक ही समाज को मजबूत आधार प्रदान कर सकते है । आचार्य नरेन्द्र देव के अनुसार परिवर्तन से ही समाज में आदर्श स्थापित किए जा सकते है।

नवयुवक आधुनिक समाज के संस्थापक है,उन्हीं के साहस से नए समाज का निर्माण संभव है।

युवक के शौर्य पर्याय -

युवक में साहस ,शौर्य ,तेज और त्याग की भावना प्रबल होती है।समाज की नवीन आवश्यकताओं को समझने की उनमें सूझबूझ होती है।


युवक ही समाज के नेतृत्व कर सकते है-

युवक ही जीवन मूल्यों की स्थापना करते है।समाज में सामंजस्य ,स्थिरता और समग्रता के नवीन दर्शन में युवकों की आस्था होती है। नवीन मूल्यों की स्थापना करने के कार्य का युवक ही नेतृत्व करते है।


युवक क्रांति के संवाहक होते है-

नूतन समाज की रचना, प्रचलित सामाजिक पद्धति में आमूल परिवर्तन की शक्ति नवयुवकों में ही होती है।नए उपक्रम में  क्रांतिकारी परिवर्तन युवकों के सहयोग से ही संभव है।स्वतंत्र राष्ट्र के संचालकों का कर्तव्य है कि वे युवा पीढ़ी को रचनात्मक कार्यों में लगाकर उनकी ऊर्जा का सही प्रयोग करें ।


युवक ही शक्ति के असीम स्रोत है-

भविष्य के निर्माण के लिए आज सभी को त्याग के लिए प्रेरित करना है। किन्तु जब तक कोई ऐसा उद्देश्य जनसाधारण के समक्ष नहीं रखा जाता , जिसके लिए लोग खून पसीना एक करे, तब तक त्याग की आशा करना व्यर्थ है। इन सभी कार्यों के लिए युवक ने आदर्श प्रियता , निर्भीकता, साहस लगन आदि होना आवश्यक है। युवक ही शक्ति के असीम स्रोत है। उन्हें अनुशासन के महत्व को समझाकर उनके इस शक्ति के स्रोत का उपयोग करनी चाहिए ।


युवक भाव प्रवण होते है-

परिस्थितियों में युवक बहुत प्रभावित होता है। वह भाव pravan होता है । शुरता और पराक्रम दिखाने का कोई मौका वह अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता है । इसलिए हमे सदकर्यों में उसकी शक्ति का उपयोग करनी चाहिए।


युवकों को अधिकार की स्वीकार करना चाहिए - आचार्य नरेन्द्र देव के इस कथन का आशय है कि जब तक हम युवकों का अधिकार स्वीकार नहीं करेंगे,तब तक नए समाज की रचना का काम सफल नहीं होगा।हमारे पुराने नेताओं को युवकों के साथ मिलकर काम करने में असुविधा होती है। इसमें केवल एक अपवाद है - पंडित जवाहरलाल जी ने नई नीति का सूत्रपात किया था और वह सदा इसी बात को अनुभव करते है कि युवकों के अधिकार को स्वीकार करना चाहिए,जिससे कोई परंपरा नहीं बन पाती।

यदि युवकों को अधिकार स्वीकार कर लिया जाए तो इसके कई लाभ हैं ।पहली बात तो यह समझने की है कि जो आज अधिकार रूढ़ है, उनका कर्तव्य है कि वे अपने उत्तराधिकारीओं को आज तैयार करें अन्यथा इन वृद्धों के हट जाने पर उनकी जगह लेने वाले योग्य अनुभवी व्यक्ति ना मिलेंगे ।

दूसरी बात यह है कि भारत के स्वतंत्र होने पर जो बड़ी जिम्मेदारी देश पर आ गई है ,उस को सहन करने की शक्ति कुछ वृद्धों को छोड़कर अन्य वृद्धों में नहीं है। पुनः नूतन समाज की रचना का और प्रचलित समाज पद्धति को तोड़ने का युवक में सामर्थ्य है। जो सामाज नया उपक्रम करना चाहता है और जिसको क्रांतिकारी परिवर्तन की आवश्यकता है ,उसको युवकों का सहयोग अवश्य चाहिए और यही सहयोग युवा के अधिकार को स्वीकार करके ही प्राप्त हो सकता है।

स्वतंत्रता राष्ट्र के विद्यार्थियों को हड़ताल करते हम नहीं सुनते उनको इसकी आवश्यकता नहीं होती। परतंत्र राष्ट्र के विद्यार्थी राजनीतिक आंदोलनों में खूब भाग लेते हैं। उनको समय-समय पर प्रदर्शन और हड़ताल करनी पड़ती है, राजा के अधिकारियों के साथ संघर्ष होने से उनको गोली भी खानी पड़ती है। ऐसे वातावरण में रहने से उनकी एक विशेष प्रकार की मनोवृति बन जाती है।

निष्कर्ष- 

अंत में आचार्य नरेन्द्र देव ने यही कहां कि युवा पीढ़ी ही समाज एवं युवकों के स्वर्णिम भविष्य हेतु महत्वपूर्ण ताकत है। समाज के समस्त समस्याओं का समाधान युवकों द्वारा ही संभव है। भावी भविष्य के निर्माता युवक ही देश के कर्णधार है।

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कविता - चैत नवरात्रि


कविता - चैत नवरात्रि

चैत नवरात्रि कविता माता की महिमा उल्लेख  कवित्री प्रेमलता ब्लॉग एक कविता का ब्लॉग है जिसमे कविता, शायरी, poem, study guide से संबंधित पोस्ट मिलेंगे



 नई उमंग की नई ज्योति लेकर आई नवरात्रि।

नए पर्व कि मौसम सुहाने सजाई नवरात्रि।

जगमग ज्योत जवारा लहराएं।

मां दुर्गा के महिमा फहराएं।

नव दिन कि शुभ घड़ी मां भक्तों के घर आएं।

कर उपकार भक्तन भी दर्शन पाएं।

नव रूप माता की आदि शक्ति कहाएं

करुणा सागर मां ममता की नीर बहाएं।

चंड - मुंड संहार करने वाली।

मधु - कैटभ का मर्दन करने वाली।

ऋषि - मुनि तेरी महिमा गाएं।

प्रथम पूजनीय शैलपुत्री सेवक कृपा पाएं।

जग जननी महामाया मंदिर कि घंटी गूंजे।

कीर्तन भजन सब मग्न भक्ति की रस में डूबे।

चैत नवरात्रि में आए माता।

तेरी महिमा समुद्र कि लहरें भी गाता।

रखो दया हम पर शरन आए है तुम्हारे।

भक्ति न जाने माता अज्ञान है सारे।

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नैतिक विचार