कविता- छोटी सी मेमोरी कार्ड


छोटी सी मेमोरी कार्ड संग्रह कैसे करूं अपनी बात।

कोशिश तो दिन -रात  करती हुं,
लेकिन समय आने पर भूल जाती हुं कोई बात।

साइंस में कमजोर हुं आर्ट में माहिर हुं।
शांत स्वभाव अपना ,दिल की जागिर हुं।

लेकिन समस्या हल कैसे करूं समझ नहीं आता।
मन चंचल है, बड़ी-बड़ी बातें मुझे नहीं बुझाता।

पढ़-पढ़कर अभी बहुत आगे बढ़ना है।
कठिन मुसीबतों को लड़ना है।

छोटी सी मेमोरी कार्ड संग्रह ,
कैसे करूं अपनी बात।

छोटी सी मेमोरी कार्ड संग्रह,
कैसे करूं अपनी बात।

कविता-लालसा


जीवन भर लालसा रह जाती है ।
उम्मीदों की बूंदें  अंत समय तक नहीं बुझ पाती हैं।
ये उम्मीदें शोक का दीवार खड़ा कर देता है।
निराशा का गमन , चिंता मन में जड़ देता है।
लालसा डगर डगर पे घेरा बैठा है।
असंतोष का छाया फेरा बैठा है।
लालसा तन में कूट-कूट के भरा है।
गतिशील मन न होती शान्ति से हरा है।
खाने की लालसा , पहनने की लालसा,
तो कभी महलनुमा घर में रहने की लालसा।
कभी अंत नहीं होती ये  जीवन की अभिलाषा।
कभी अंत नहीं होती ये जीवन की अभिलाषा।
鹿

सुविचार

सुविचार

सच बोलना एक ऐसी मंत्र हैं, जो स्वर्ग का सुख देता है।
ूसरों को अपना मानकर मदद करना ही
इस जीवन की सही पहचान है

जो इंसान अच्छा सोचता है , उसके अंदर God होता है।
जो अच्छी बात सुनो यही अच्छी बात हमारी
Life में लोड होता है।