$results={3}

छत्तीसगढ़ी कविता - देर हे अंधेर नई हे। समाज के प्रति जागरूकता

देर हे अंधेर नई हे , कती ले आही भगवान तेखर फेर नई हे।
जुग - जुग बुढ़त हे ,होवत हे एके दिन एके रात।
बेढ़हा रेंगत हे बेईमानी के रस्ता,हाथी कस मात।
चारी चुगली के होवत हे बढ़ाई ।
घर - घर म होवत हे, महाभारत कस लड़ाई।

देर हे अंधेर नई हे, कती ले आही भगवान तेखर फेर नई हे।

दारू ह पानी बनगे, गुटका पाउच ह चना मुर्रा।
जुआ ह खेल बनगे, कुकुर कस झगड़ा होवाई म उड़ावत हे धूर्रा।
सेठ मन करा पैसा बरस गे, कमजोरहा मन के ऊपर लाठी बरस गे।
साच मनखे लबरा होगे,दोगला ह न्याय करईया बनगे।

देर हे अंधेर नई हे कती ले आही भगवान तेखर फेर नई हे।

कसाई के धजा फहरात हे, चोर लफंगा मजा उड़ात हे।
दू डेटरा होगे त गरभ अभिमान होगे।
आज के लइका सियान होगे।

देर हे अंधेर नई हे कती ले आही भगवान तेखर फेर नई हे।

दू अक्षर पढ़ लीन त अपन आप ल ज्ञानी बतात हे।
करम जानय न मरम अउ खुद ल ध्यानी बतात हे।
सियान के चलवा चलती नन्दा गे।
लइका के बुद्धि म  दिन ह पहा गे।

देर हे अंधेर नई हे कती ले आही भगवान तेखर फेर नई हे।
देर हे अंधेर नई हे कती ले आही भगवान तेखर फेर नई हे।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏✍️

कविता - प्रेम प्रवाह में

प्रेम ध्वनि जब सुनाई दे, रम जाएं मन प्रेम प्रवाह में।
गुन - गुन गाती मन - चयन ,उमड़ - उमड़ कर आकाश के गवाह में।
रंग - बिरंगे फूल खिले शांत वातावरण हरियाली उत्साह में।
कोयल की प्रेम गान झर - झर झरती झरना प्रेम प्रवाह में....

घुंघराले - घुंघराले बाल उसके , सांवला सूरत चन्द्रमा के मुस्कान उसके।
नयन नीलकमल जैसा शुशोभित , हाेंट पंखुड़ियों के समान उसके।
वाष्प बूंदों की वर्षा सुगंधिम फूलों की क्यारियां प्रेम प्रवाह में...

मन हो गई बावरी कहां छिपा है मेरा प्रेम सांवरी।
नयन ढूंढे चैन कहा प्रकृति भी शोभामान न्यारी।
ले जा संदेशा पवन किशोरी उसके बिना न लगे मन बावरी।
तितलियां भी मचल रही भोरें के गान में।
झकझोर वन झूम रही प्रेम प्रवाह में....

मोरनी पंख फैलाए नाच रही ,थप - थप करते पैर ।
मौसम है सुहाना हरियाली बहार में, मत बना मुझे गैर।
चातक के दीन दशा न देखे जाए चकवी की ओर ।
चन्द्रमा को देखते रात्रि ढले,न कभी नीचे का पानी पिए।
स्वातिनक्ष- त्र के एक बूंद में ही दिन कटे देख आकाश की ओर।
प्रेम सुर - ताल गा रही प्रेम प्रवाह में।

प्रेम ध्वनि जब सुनाई दे, रम जाएं मन प्रेम प्रवाह में।
प्रेम ध्वनि जब सुनाई दे,रम जाएं मन प्रेम प्रवाह में।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏