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Time is money

Time is  money

Positive thinking. Time is money


 अपने भविष्य को कैसे निखारे तो आइए इसके बारे में हम थोड़ी सी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। तो हम अपने भविष्य के लिए  हम पॉजिटिव सोच और अपने सही मार्ग कर्तव्य के बारे में अच्छे से जानकारी लेंगे तो हमें सही राह और फिर आनेवाले फ्यूचर में हमें सफलता की प्राप्ति होगी। अगर हम आज बैठे रहे तो हम कुछ भी काम नहीं कर पाएंगे।

 अगर आज उठेंगे तो कल हम अच्छे- अच्छे सपने देख पाएंगे ।और अपने इरादों को मजबूत कर पाएंगे। हमारे इरादे को मजबूत बनाने के लिए हमें  अपने वर्क पर फोकस करना पड़ेगा। और वर्क में फोकस करेंगे तो टाइम की भी हमें वैल्यू पता चलेगी।तो अपने फ्यूचर को ब्राइट बनाने के लिए हमें सबसे इंपॉर्टें बात है-

टाइम का महत्व -

हमें टाइम के महत्व के बारे में जानना है तो टाइम हमारे लिए हमारे जिंदगी की एक अटूट स्थान देती है। टाइम इज मनी टाइम ही हमें हमेशा खुशी ही नहीं देती है बल्कि हमें अपनी मंजिल तक भी पहुंचाती है। समय की कोई निश्चित गति नहीं है। समय स्थिर  नहीं है ।समय अपने दिन में चली जाती है।एक समय था बचपन का जिसमें हम खेलते थे ।खाते थे ,पीते थे।और जो भी मन में आए वह सब करते थे ।और एक समय था, हम लोगों की उम्र का। जिसमें हम अपने समय को बर्बाद करने में तुले रहते हैं।फेसबुक स्टॉग्राम आदि में खोए हुए हैं।

 टाइम से ही गुजरते गए। और मनोरंजन में इतने व्यस्त हो गए कि हम अपने कार्य में फोकस नहीं कर पाए।फिर आगे उम्र ढलती गई तो एक समय आया कि हम अपने परिवार में बिजी हो गए और अपने परिवार की अपने परिवार की जरूरत को पूरी करने में व्यस्त हो गए ।

और आगे आने वाले कल में अब एक दिन बुढ़ापा आया जिसमें हम बुढ़ापा में पीड़ित होकर अपने जितने भी दिनचर्या में कुछ भी किए हैं उसको सोचने लगे और एक समय आता है कि हम अपने यहां से हम अलविदा कह जाते हैं। तो समय भी एक समय का खेल है।

 समय में ही हमें बहुत बड़ी कीमत अदा करनी पड़ती है। जैसे कि एक समय था जो महाभारत का युद्ध खड़ा कराया ।और एक समय है आज इंसान भाग- दौड़ भरी जिंदगी में अपने आप को भूल गया है ।और वह रंगीन दुनिया में फंस चुका है। उसको खुद को पता नहीं वह क्या कर रहा है। उसके बारे में कुछ मालूम नहीं बस होता चला जाता है। और जो होता है वह पर नाम आता है तो मुंह खुला का खुला रह जाता है क्योंकि जो किया जाता है उसका उसी के जैसा फल आता है ।या अगर वह अच्छा किया रहता है तो उसका अच्छा फल, उसे हासिल होती है ।और अगर वह अच्छा नहीं किया रहता, तो उसका  बुरा परिणाम भुगतने को  मिल जाती है।

 तो इंसान डगमगा जाता है।इस परिस्थिति में इंसान को हमेशा अपने वर्कर पर ध्यान देना चाहिए।हमेशा कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। ताकि आने वाले कल में अपनी अच्छे - अच्छे  ही हमें प्राप्त प्राप्त हो तथा आने वाले कल को हम अच्छी तरह से खुशनुमा  बना सके ।

जैसे कि हर एक एक व्यक्ति कि मन की भी प्रॉब्लम होती है ।इंसान पैसों के पीछे इतना भागता है, इतना भागता है कि समय का वैल्यू ही भूल जाता है। वह समझता है कि पैसा ही सब कुछ है, लेकिन पैसा कमाने के चक्कर में अपने जिंदगी में जो हैप्पी रहना चाहिए था ,उसको जो आनंद का अनुभव करना चाहिए था ,उसे घूमना फिरना चाहिए था, पूरा पूरा दुनिया दुनिया को अपनी नजरों से देखना चाहिए था।

 या कुछ अच्छे पल का अनुभव करना चाहिए था। वह सब भूलकर  भागा -भागा फिरता है। हमेशा मुश्किलों से घिरा ही रहता है।

और समय किसी के पल्ले नहीं पड़ता। एवम् समय निकलता जाता है। और बाद में किसी कामयाब इंसान को है हंसते देखता है तो उसे जलन फिल होती है।

आइए इसे  एक कहानी के अनुसार और अधिक जानें-

नैतिक छोटी कहानी

समय का महत्व


एक गांव में राजा नाम का एक लड़का रहता था। वह अत्यंत आलसी एवं कामचोर था। वह अपने कार्य को पूरी तरीके से नहीं करता, बस समय का ही इंतजार करता रहता था। वह सोचता कि कल करूंगा -कल करूंगा और अपने काम को इसी तरह से पीछे छोड़ते जाता था। तो उसके माता-पिता यह बात को उस को समझाते -समझाते थक गए थे ।

कि जो करना है वह आज करो। लेकिन राजा कल कर लूंगा अपना काम करके घूमने निकल जाता था। लड़का उस बात को इग्नोर कर देता था।

 और वह अपने खेलने कूदने में ही व्यस्त हो जाता था धीरे-धीरे दिन गुजरता गया और राजा बड़ा होता गया एक दिन ऐसा आया कि वह बड़ा हो गया जिम्मेदारियां उसके कंधे आने को थी।

लेकिन राजा बड़ा होने के साथ - साथ और बिगड़ता गया बुरे संगत में फंसकर अपने समय को बुरे प्रभाव में धकेलता गया।

एक दिन ऐसा आया कि उसका पापा जो बुजुर्ग हो  चुके थे। उसका अंतिम दिन के कगार में था।

  वह भगवान के पास जाने से पहले अपने बेटा को एक सबक सिखाना चाहता था।

 कि समय का महत्व क्या है?

 वह अपने बेटा को बुलाकर खेती करना,खेती करने में लगा दिया।   राजा वहां खेती करने लगा ।और वहां देखा कि खेती में इतने ज्यादा मुनाफा आया कि वह आकर अपने पिता को बताने ही वाला  था। उसके आने से पहले उसका पिता देहांत हो गया था। तो उसी समय समझ आया कि आज मैं काबिल नहीं होता बना होता तो मेरा क्या होता अगर मैं खेती-बाड़ी सीखा नहीं रहता तो मैं आज मेरा दयनीय दशा होता। 

और मै अपनी जिंदगी में रोता ही रहता। मुझको सम्हालने वाला कोई नहीं होता । मुझे छोड़ सब चले जाते।

 मै एक- एक दाने को तरसता रहता ।अपनी मम्मी को क्या खिलाता । और आगे आने वाले कल में मैं कैसे रहता ।मैं हमेशा बुराइयों की संगत में  बिगड़ता जा रहा था ।

मैं समय का वैल्यू ही समझ नहीं पा रहा था ।और आज मुझे समझ में आया कि काम करने से ही घर परिवार चलता है न कि समय इंतजार करते रहने से कुछ मिलता है। और समय का वैल्यू ही मुझे समझ में नहीं  आता। 

 आज पिताजी का देहांत हो गया । अगर इसके पहले अगर में कुछ अपने पापा से सीखा नहीं रहता,तो मैं अपनी गरीबी की स्थिति में आ जाता।और अपने दिनचर्या में कुछ नहीं कर पाता और ऐसे ही कामचोर बना रहता।



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