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परमात्मा

परमात्मा हमें  दिखाई क्यों नहीं देता?

परमात्मा


परमात्मा प्रकाशवान अदृश्य दिखाई देने वाली एक बड़ी शक्ति है। जिससे आम इंसान अपने साधारण नेत्रों से नहीं देख सकते। इसलिए परमात्मा अपने ही अंश को पृथ्वी में जनकल्याण व पापाचार विमुक्त धरती बनाने के लिए यहां भगवान अवतरित होती है। और सारे पाप को खत्म कर यहां से अंतर्ध्यान हो जाती है ।

अगर परमात्मा का अनुभव करना हो तो मेरी एक कहा जरूर मानना।क्योंकि मैं अनुभव करती हूं, भगवान है ।अगर नहीं होती तो इस सृष्टि का रचना कौन करता। मालिक कौन कहलाता ।

परमात्मा की अनुभूति कैसे करें? 

भगवान में आस्था रखें अगर आप किसी मुसीबत में फंसे होते हैं।  तो आंखें बंद कर भगवान की स्तुति करें।मुझे यकीन है, भगवान वह मुसीबत को हटाने के लिए किसी ना किसी को आपके पास भेज देंगे। अगर कुछ भी कारण से आपका  मन दुखी है, तो आप कोई भजन या कीर्तन कर ले। आपकी मन साफ चिंता मुक्त हो जाएगी।

 कोई भी समस्या का समाधान ढूंढ रहे हैं, तो धैर्य के साथ एकांत बैठ जाएं। और आराम से हल निकाले आपको कोई ना कोई रास्ता जरूर मिल जाएगी ।

मन को द्वेष रहित करें-

अगर आपके मन में किसी के प्रति जलन या द्वेष की भावना आए।तो अपनी तुलना किसी से ना करें।क्योंकि जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं जो आप कर सकते हैं वह कोई और नहीं कर सकता है। अपने मन में यह ठान ले कि  आप सबसे अच्छे व अलग है।

परमात्मा कहां रहता है-

 परमात्मा कण कण में निवास करते हैं। हमारे अच्छे व बुरे कर्म का निरीक्षण करता है ।हमें संकेत देता है, किसी न किसी माध्यम से कि आप यह ना करें। यह गलत काम है, आप यह करें तो आप इसमें आगे बढ़ जाएंगे। परमात्मा अदृश्य रूप में हमारे पास रहते हैं। वह हमेशा हमें उंगली पकड़कर हमें चलना सिखाता रहता है। लेकिन हम ईश्वर के संकेत को मन बुद्धि के कारण नहीं समझ पाते हैं।

 हम अपनी ज्ञान के धीरे-धीरे जागते हैं।



अपनी ज्ञान कैसे जगाएं -

 योगा मेडिटेशन या और किसी अच्छे माध्यम से तो हमें ईश्वर की अनुभूति होने लगती है। हमें ईश्वर की छाया प्रतिबिंब दिखाई देने लगती है। हमें ऐसा लगने लगती है कि ईश्वर हमारे पास है ।हमसे बात कर रहा है।

 खुशी की अनुभूति कब होती है-

  1.  हम किसी जरूरतमंद को दान करें।
  2.  अगर कोई मुसीबत में फंसा हो तो हम उसकी मदद करने की पूरी कोशिश करें।
  3.  किसी भूखे जीव जंतु को खाना खिलाएं।
  4.  प्यासे को पानी पिलाएं
  5.  बुजुर्गों की सेवा करें ।
  6. अपने माता-पिता की सेवा करें ।
  7. सास - ससुर को अपनी माता - पिता जान सेवा करें ।
  8. निस्वार्थ भाव से किसी को ज्ञान दे। उसे सही गलत में अंतर बताएं।
  9.  कोई भी में जबर्दस्ती गाली दे रहा है, तो उसे प्यार से बात करें। झगड़ा को प्यार से सुलझाएं।
  10.  नहीं समझता हो तो कुत्ता जैसा भोकने दे ।

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