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कविता - उड़ान

 उड़ान

उड़ान हौसले और बुलंदियों की



उड़ान भर दे।

 मन में एक ताकत हौसले की उड़ान भर दे।

हर  एक कोशिश की कामयाब मंजिल की अंजाम भर दे।


एक एक राह में संकट की पनोती आती रहेगी।

समुद्र की लहरों में नाव डगमगाती रहेगी।

उस पतवार की लगन प्रयास का,

 तल तट में आने का मुकाम भर दे। 

लगन प्रयास का उड़ान भर दें।


लकड़हारा जंगल में भटक रास्ता की खोज में

 सही मार्ग दिखाने का विश्वास भर दे।

मन में आश की एक बूंद उड़ान भर दें।


मोरनी सोच के बैठे वर्षा की तलाश में।

लहराते पंखों की वर्षा रानी रंगीन मिजाज भर दे।

तलाशी की उड़ान में अपनी एक अंदाज भर दे।


कौआ भी दूसरे पंछी को देख सुंदर होना चाहे।

उसके मन में आजादी की खुशी का एहसास भर दे।

एक उड़ान जैसा है वैसा ठीक है का व्यवहार भर दे।


स्वार्थी परिंदे के अहम टूट चूर -  चूर कर दे।

नि : स्वार्थ की नगरी नूर - नूर  कर दे।

मंजिल की 

उड़ान की सच्ची मस्ती कबूल कर दे।


संघर्ष कि उड़ान भरपूर कर दे।

मंजिल हाथ आ मंजूर कर दे।

उड़ान भर दे ।

मन में ताकत होंसले की उड़ान भर दे।


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