$results={3}

जरूरी है

 कविता - सच्चाई की राह में चलना जरूरी है

कविता -सच्चाई की राह में चलना जरूरी है।


सच्चाई की राह में चलना जरूरी है।

 मन में नीति का बीज बोना जरूरी है।

 कब तक पुण्य का घड़ा चलता रहेगा ।

उसके लिए भी पूर्ण एकत्रित करना पड़ेगा ।


पाप की कसौटी में मन उतना- पुथला सा है।

 चेहरे की चमक उड़ी सुलझा -सुलझा सा है।

 हर वक्त जंजीर भरी तूफानों से लड़ना जरूरी है।

  गाड़ के नीति का झंडा आगे बढ़ना जरूरी है।


 मनोबल आशुतोष साहस को जगाना जरूरी है।

 मन मैला जीवन गंगा में धुलाना जरूरी है।

 तन के दीपक बिन तेल के जलाना जरूरी है।

 हो सके तो नीति  मानवता में जगाना जरूरी है।


 अच्छे विचार में धीरज की कदम चूमे हैं।

 सच्चे मानव ने इतिहास के पन्ने उलेटे हैं।

 ह्रदय में सच्चाई का अमृत छिड़कना जरूरी है।

 सच्चाई की राह में चलना जरूरी है।


 सच्चाई की राह में चलना जरूरी है।

सच्चाई की राह में चलना जरूरी है।

💐💐💐💐💐💐💐💐💐

0 Comments:

कवित्री प्रेमलता ब्लॉग एक कविता का ब्लॉग है जिसमे कविता, शायरी, poem, study guide से संबंधित पोस्ट मिलेंगे
और अधिक जानकारी के लिए हमसे जुड़े रहे।
Email id
Sahupremlata191@gmail.com