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Blood pressure

 Blood pressure


Description of blood pressure home remedies in hindi


 Definition - 

ह्रदय लगातार धड़कती रखती रहती है। और रक्त को  एक खास दबाव से पूरे शरीर में भेजती रहती है । इसी दाब को बीपी या  ब्लड प्रेशर कहा जाता है। इसी के द्वारा पूरे शरीर में अक्सीजन और अन्य पोषक पदार्थ  पहुंचाए जाते हैं।


हार्ट के द्वारा रक्त पंप करने के कारण रक्त वाहनियों की दीवारों पर दबाव पड़ता इसी दबाव को ब्लड प्रेशर से नापा जाता है रक्तचाप मापने के उपकरण को रक्तचाप मापी कहते।

Types of blood pressure


Systolic blood pressure

 ह्रदय के सिकुड़ने एवं फैलने पर निर्भर करती है। जब heart सिकुड़ती है तब रक्त वाहिनियों पर दबाव पड़ जाती है। इस संकुचक को सिस्टोलिक बीपी कहते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति का सिस्टोलिक बीपी 90 से 120mm मरक्यूरी के बीच में होती है।

Diastolic blood pressure


ह्रदय के फैलते वक्त दबाव कम हो जाती है इससे प्रसारक या डायस्टोलिक बीपी कहते हैं।

स्वस्थ व्यक्ति की डायस्टोलिक बीपी

60-80 mm मर्कुरी के बीच होती है।

हमारी रक्त वाहिनियां बहुत लचीली व मजबूत होती है। जिसे रक्त द्वारा लगाए गए दाब को आसानी से सह लेती है। कुछ कारण से बीपी बढ़ता रहता है ।रक्त प्रवाह के कार्य को खतरे में डाल सकती है रक्त का गाढ़ा होना। में रक्त में रक्त में द्रव या  पानी की मात्रा का बढ़ना।

रक्तवाहिनियां की  चौड़ाई का कम होना ।

क्योंकि ऐसा होने पर ही heart को बल लगता है।और लगातार धड़कना होता है।इसलिए बीपी हाई हो जाती है ।सफेद रक्त कोशिकाओं की जमावट हो जाती है। ऑक्सीजन पोषक पदार्थ नहीं नहीं रह पाती है । 

रक्तवाहिनियां रुक जाती है हार्टअटैक हो जाती है।


blood pressure symptoms


  • नींद ना आना ।
  • और बेचैनी इसके मुख्य लक्षण हैं।
  •  डर लगना , शुरुआत में सिरदर्द चक्कर आना  या सिर भारी लगने लगती है।
  •  हृदय गति में वृद्धि हो जाती है। सीने में दर्द का अहसास होने लगती है।
  •  सांस फूलने लगती है।
  •  आंखों के सामने अंधेरा छा जाती है।
  •  कम दिखाई देने लगती है।
  •  हाथ पैर भी कमजोर हो जाती है।
  •  कान में घुन - घुन अलग टाइप की वाइस आने लगती है। 
  • उच्च रक्तचाप वाली व्यक्ति का हाथ किडनी और माइंड के रोग होने लगती है।
  •  बीमारी बढ़ने लगती है तो नाक और पेशाब में खून आना शुरू हो जाती है।
  • हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण-
  • चक्कर आना तेज सर दर्द होना।
  •  नजर में कमजोरी आना महसूस होना सांस लेने में परेशानी होना।
  •  सीने में दर्द या भारीपन लगना। चेहरे यह पैरों में अचानक शून्य हो जाती है। समझने या बोलने में कठिनाई होती ।

which food should i take

  • भोजन - साबुन अनाज को खानी चाहिए ।
  •  गेहूं चावल रागी मकई अंकुरित दालें मछली साग सब्जी ताजे फल आदि आहार करनी चाहिए।
  •  वानस्पतिक इस्तेमाल में जैसे कि सूरजमुखी का तेल का सोयाबीन का तेल उपयोग में लाना चाहिए।

  •  नमक चीनी कम।
  •  शराब बीड़ी सिगरेट तंबाकू सेवन नहीं करनी चाहिए।
  •  चाय काफी , चॉकलेट कोल्ड ड्रिंक से दूर रहें।
  • फास्टफूड मसाले अचार कम करनी चाहिए।
  •  मूली बैगन कटहल कम खाएं।
  •  मांस  को छोड़ना है ।

  • what to eat

  • हरी सब्जियां  पोटेशियम होती है ।जो किडनी से मूत्र के माध्यम से सोडियम को बाहर निकालने में मदद करती है। जिससे रक्तचाप कम हो जाती है।
  •  पालक, धनिया, सजना और अन्य सब्जियों का भरपूर प्रयोग करनी चाहिए।
  •  लौकी, खीरा, गाजर, टमाटर, पपीता, खाने सेब संतरा नींबू तरबूज बादाम आदि खाने चाहिए ।
  • लहसुन में उच्च मात्रा में नाइट्रिक ऑक्साइड होती है नियमित रूप से लहसुन का प्रयोग करनी चाहिए दूध, केला में कैल्शियम की मात्रा अधिक  होती है। बीज, सेम इत्यादि खानी चाहिए।
Precautions
  • बहुत ज्यादा रो दिया गुस्सा नहीं करनी चाहिए ।भाई बार-बार या ज्यादा नहीं करनी चाहिए देर रात तक नहीं जागना चाहिए।अपने टाइम से जल्दी सो जाएं ।
  • आलस्य या ज्यादा देर तक नहीं ज्यादा दिन तक नहीं करनी है। 
  • नशा धूम्रपान से दूर रहे शराब गुटका से दूर रहे क्या करनी है 

Blood Pressure Home remedies in Hindi-


  •  स्विमिंग करनी है दिव्य मुक्ता वटी की टेबलेट के साथ में हमें मेडिटेशन भी करनी है।
  •  योगा के बारे में जैसे कि अलोम विलोम करनी है इसको 15 से 20 मिनट तक का करना है।
  •  4 से 15 मिनट तक और शीतकालीन जैसे शीतली भ्रामरी करनी है और दिव्य मुक्ता वटी के साथ में लौकी का जूस पीनी है।

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