निशा रानी
निशा रानी सबको सपनों से सजाती है।
नई सोच की नई गंगा बहाती है।
नींद की चासनी में नई दुनिया दिखाती है।
नए पहेली कि नए प्रश्न सुलझाती है।
रंगीन दुनियां कि महकती खुशबू
नए विचार मन में तैर आती है।
बेहोशी नशा में सपनों में खोते,
निशा रानी प्यार से बुलाती है।
हर एक सपनों कि अलग पहचान,
भविष्य की छवि वर्तमान की नाम।
निशा नए रूप बदलती रहती है।
अपनी समय की प्रतीक्षा करती है।
रागी को धुन सुनाती है।
सखी निंदिया को बुलाती है।
चन्द्रमा की किरण में निशा मुस्कुराती है।
बादलों की गति में लपेट गुनगुनाती है।
सितारों की वादियों को वस्त्रों में जड़ जाती है।
हवाओं की झोका में अपनी आंचल लहराती है।
निशा रानी बड़ी सयानी।
थके जीव जंतु का थकावट मिटाता है।
ऊर्जावान बना रात्रि को
अपने काम में फिर से लगाता है
बहुत सुन्दर
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