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कविता - महात्मा गांधी


 करमचंद गांधी का दूसरा नाम महात्मा गांधी थे।

नहीं आने दी भारत माता पर जुल्म की आंधी थे।


नरम दल के नेता थे वो,

अहिंसा के देवता थे वो।

स्वतंत्रता के पथ पर बड़े रहे,

हर मुश्किलों का सामना कर डटे रहे।


दांडी यात्रा कर जन-जन को जगाया,

विदेशी वस्तुओं को खुलेआम जलाया।

नम्रता थी उनकी आंखों पर,

स्वतंत्रता की ज्योति थी उनके सांसो पर।


छुआछूत को दूर भगाया,

इंसानियत का पाठ पढ़ाया।

शर्मीले स्वभाव शादगी के साधक थे।

मन,कर्म,वचन,अटूट बुराइयों के लिए पावक थे।


नहीं सहने दिए अंग्रेजों का अत्याचार,

नाकामयाब करते गए अंग्रेजों का विचार।

अपनी इच्छा के पक्के भारत माता के बेटा था।

अहिंसा के देवता नरम दल का नेता था।


देवी पुतलीबाई का बेटा था।

सबके दिलों में बैठा था।

मोहनदास करमचंद गांधी का बेटा था।

जो स्वतंत्रता की मांग के लिए अंग्रेजों से ऐठा था।

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