आखिरी सांस तक लड़ेंगे हम।
चाहे कुछ भी हो जाएं न रुकेंगे हम।
अपने हक के लिए आवाज लगानी।
मजदूर की कीमत है समझानी।
एक एक दाना के लिए पूरे दिन कमाते।
फटी बनायाई फटी चादर से कैसे काम चलाते।
एक एक बूंद पसीना को सींचते है मजदूर।
फिर भी ज्यादा काम कम कमाई सह लेते है मजदूर।
छोटे छोटे बच्चे को अकेले छोड़।
दूर से बच्चे की आवाज को देख मुंह मोड़।
काम की लत में फंस जाते है मजदूर।
थोड़े से पैसों से परिवार कैसे चलाते है मजदूर।
महंगी वस्तुएं महंगी सब्जी समान।
महंगी हुई कपड़ा और दुकान।
जिधर से लाए कमा के ,
उससे ज्यादा खर्चा उठाते है मजदूर।
फिर तबियत खराब हुई तो ,
ब्याज से पैसा उठाते है मजदूर।
खाना पीना एक बराबर ,
कैसे ब्याज चुकाते है मजदूर।
दिन दिन मुश्किल बड़े कैसे दिन बिताते
है मजदूर ।
अपने गम छुपा कर कैसे दिल बहलाते है मजदूर।
🙏🙏🙏🙏
Radhe Radhe 🙏🙏🙏
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