होली की बेस्ट सायरी
रंगीले बहार है मौसम खुमार है।
सबके चेहरे में आज एक नई चमक है
क्योंकि होली का त्यौहार है।
पिचकारी से खेले रंग लगाएं।
सबके होंटों में मुस्कान बिखेरे
आओ सबको गले लगाएं।
निखर रही मौसम है।
गा रही कोयल मधुर सरगम है।
रंग बसंती में भीगे चुनरिया
जब साथ कोई हमदम है।
धूम मचाती होली आई ।
रंग बहार की टोली आई।
सब झूमे आनंद मनाएं।
अपनों की प्यार लेते होली आई ।
नीली, पीली पिचकारी लाल रंग मन को भाती है।
होलिका की कथा निकलती,
प्रहलाद भक्ति की महिमा सुनाती है।
होली का त्यौहार नीति की जीत ।
अनीति की हार का शुभ संकेत देता है।
प्रहलाद की भगवान ऊपर विश्वास,
शुद्ध मन कर होली के रंग में तन भिंगों देता है।
नारायण नारायण की मंत्र प्रहलाद ने पुकारा।
भक्तों की पुकार सुन श्री हरि विष्णु आया।
होली खेले रघुवीर संग में बाके बिहारी कबीर।
होली में भव तल झुमा,
झूम गए भक्त अरदास,सूरदास,महावीर।
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