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सायरी- कान्हा के बचपन का

नाज़ुक- नाजुक पैर में पायल सोहे , सुंदर सलोना सूरत देख ब्रज वाला अपने होश खोए।

सौ कामदेव तेरी सूरत में  फिका है, कभी मुरली वाला तोह कभी माखन चोर नाम लिखा है।

मईया के पालना में मचल मचल खेले, मईया देख मुस्कुराए।
देख तेरी नटखट लीला कान्हा ,सबके मन हरसाए।

मईया को झूठ बोलकर घर घर माखन खाए, देख देख गोपियां मन से मुषकाए।
मुंह फुलाकर मईया को कान्हा गुस्सा दिखाए, बोले हम जाते गइया चराए।
तोह गोपियां तोह बैरी है मेरे हम कहा माखन चुराए।

ओ मईया मान जा कहना मेरी मत मुझसे रूठो,
मुझे माखन बड़ा प्यारा मत इससे लूटो।


बंशी बजाने वाला हू ,  गैया चराने वाला हूं।
सबके प्यारे कृष्णा गोपाला हू।
माखन चोर सखाओ के सखा इसलिए
नंदलाला यादव कहलाता हू।

राधे राधे श्याम मिलादे
कृषणजनामाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं 👰

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